शुक्रवार, 18 नवंबर 2016

खोदी जी मजमें वाले

खोदी सर मजमें वाले
बक्कड की बक बक
दरबार लगाने के आदी खोदी सर आज मजमा लगाने के मूड में थे सो क्लास मे आते ही ताली पीट पीट कर रोने लगे। खोदी सर को रोता देख बाहर के नौजवान बालक भी स्कूल में घुस आए। मजमें में तादाद बढी तो खोदी सर पूरी रौ में आकर हंसने लगे फिर जोर से ताली पीटते हुए बोले मेरे झोले में एक ऐसी दवा है जिसका नाम है पेटसफा जो 72 मर्जो को कर देती है दफा। बालकों, हमारे शरीर में कुदरत ने जो पेट लगाया है ना, वही है 72 रोगों की जड। पेट खराब हो तो 72 रोगों में सबसे बडा रोग यानि स्वप्न दोष यानि सपने देखने का दोष उत्पन्न हो जाता हैें। दुनियां का हर बालक इस बीमारी का शिकार है इसलिए मैने पेटसफा नामक दवा का आविष्कार किया है जो सपने देखने के दोष को जड से समाप्त करती है। इसी दवा को बेचने के लिए मैने घर गृहस्थी को छोडे देशसेवा का बीडा उठाया है। अब आप पूछोगे कि ये दवा काम कैसे करती है और इसको लेना किस तरह से है और इसकी कीमत क्या है।
दवा पेट में जाते ही फौरन असर दिखाती है आपके पेट में पडे छह प्रसेंट कालेपानी को नीचे के रास्ते तुरंत बाहर निकाल देती है। ना कोई दर्द ना परेशानी बस पवास दिन में सेहत वापस।
दवा लेने का तरीका भी बहुत ही आसान है। बालकों आपको बाबा कामदेव के एकटांगासन की मुद्रा में खडे होकर मन ही मन में जय श्रीराम को याद करते हुए अंधा बनकर पी जाना है।
बालकों रहा सवाल कीमत का तो इसकी कीमत मैने पांच सौ दस रूपये रखी है वो भी आपको नहीं देनी है बल्कि मुझसे लेनी है। मेरी दवा के लेते ही आपके खाते में पांच सौ दस रूपये स्वतः ही चले जाएगें। जब आप दवा लेने को लाइन लगाऐंगे तो दस रूपये की कीमत वाली कडक चाय मेरे स्वयंसेवक तुम्हे पिला देंगे और बाकी के पांच सौ आपको मेरा सेठ दे देगा बस उसके चार बडे नोट लेकर दो बडे नोट उसकेा लाकर देने है। बालको है न सच्चा और खरा सौदा।
इतने में एक खुजलीवाल नाम का बालक चिल्लाया, खोदी सर हमने तो सुना है हमारे पेट में केवल छह प्रसेंट ही कालापानी है बाकी का 94 प्रसेंट कालापानी तो उस सेठ के पेट में है जिससे आप हमें पांच सौ रूपये दिला रहे हो। और                   हां लगे हाथ ये भी बता दो कि आपकी दवा पेट साफ करेगी या पेट ही सफा कर देगी। खुजलीवाल का सवाल सुनकर खोदी सर झुंझला गये तू ही मेरी दवा को बिकने नहीं दे रहा। तू ही बालको को सपने देखने का रोगी बना रहा हैे। गददार कहीं का। तेरे दिमागी कीडे जरूर खत्म करूंगा आज से ही दिमाग कीडे मार दवा की खोज करता हूं। बालको इस खुजली के चक्कर में न पडना ये तो छूत की बीमारी है।
                             भारत भूषण अरोरा