गुरुवार, 25 फ़रवरी 2016

वाह इमरती,जलेबियों को धो डाला

वाह इमरती,जलेबियों को धो डाला
भारत भूषण अरोरा
इमरती ने आज कमाल कर दिया धोबी के घाट पर नवरसों का इस्तेमाल करते हुए जलेबियों की ऐसी धुलाई कर डाली की देश की तमाम जलेबियों का तेल निकल गया। इमरती ने जब करूणरस का इस्तेमाल करते हुए कहा कि स्कूलों के भगवाकरण का आरोप सिद्व हुआ तो राजनीति से सन्यास ले लूंगी। भला इस आरोप पर इतनी करूणा की क्या जरूरत थी इमरती और जलेबियों का प्राकृतिक रंग ही भगवा है तो फिर आरोप कैसा ये तो वो बात हुई कि मुझ पर गिरगिटों के रंग बदलने की आदत को बदलने का आरोप लगाया जा  रहा है।
इमरती ने रौद्ररस का प्रयोग करते हुए जलेबियों से कहा कि सुनो जलेबियों तुम्हारे पत्रों को दिखाती हूं जिसमें आप बेवजह की सिफारिशें कर रहे हैं मैने आपका सम्मान करते हुए आपके काम किये।जलेबियां उनके इस वार को बर्दाश्त नहीं कर र्पाईं। जलेबियों ने कहा ये तो धोखा है। जब हम सरकार में थे तो हमने इमरतियों की सिफारिशों को भी सिरमाथे पर रखा है अगर आपको ये पोल खोलनी थी तो हम भी आपके पत्रों को लेकर आते।
इस पर इमरती ने हास्यरस में जलेबियों को डुबाते हुए कहा सुनों सारे स्कूलों के लंगूर तुम्हारे ही रखे हुए है वे ही बदमाशी कर  रहे है। हम तो बस उनसे बंदर भगाने का काम ले रहे है जो वे पहले नहीं कर रहे थे। अब आप ही बताओं लंगूर को खाली बैठने की तन्खवाह क्यों दें ये तो राष्टृीय आय की बर्बादी होगी। लंगूरों से काम तो लेना ही पडेगा। इस पर जलेबियों ने कहा सुन इमरती माई लंगूरों को हमने तैनात किया या तुमने वे तो उसी की मानते हैं जिसका रोटी खाते हैं आप उनका अपमान नहीं कर सकते वे तो नौकर धर्म का पालन कर रहे है। पहले वे भगवा बंदर भगाते थे अब लाल बंदरों को खदेड रहे हैं वे अपना काम कर रहे है उन्हे शांतिपूर्वक अपना काम करने दीजिए इमरती मैडम इस पर राजनीति न करें।
इमरती ने वात्सल्यरस मेें डूबते हुए नीली जलेबी से कहा कि वे बच्चे की मौत पर राजनीति न करें। इमरती व जलेबियों की कोई जाति नहीं होती वे तो बस मूंह में राम बगल की मीठी छुरी होती है। बिना कसरत किये खाई जाए तो शुगर की बीमारी पैदा करती है। इमरती ने रौद्ररस में ंिचंघाडते हुए कहा अगर आप मेरे जवाब से संतुष्ट नही ंतो मेरा सिर कटवा देना। इमरती ने एकदम भक्तिरस में यूटर्न लेते हुए कहा मैं तो राष्टृ और उसके मालिक की सेवा में रत हूं। ऐ री मै तो प्रेमदीवानी मेरा दर्द न जाने कोए।
इस पर नीली जलेबी ने कहा आप पर जलेबियों के भगवाकरण का आरोप नहीं लगा रही हूं मै तो बस इतना चाहती हूं कि गांव के मेलों में नीली जलेबियों की व्यस्था को अनिवार्य कर दिया जाए। क्योंकि पिछली बार मेरा हाथी भगवा जलेबियों का स्वाद चख चुका कहीं ऐसा न हो कि ये उसकी आदत बन जाए। नीली जलेबी की देखादेखी लंबी नाक वाली जलेबी ने भी मांग कर डाली कि अगर आप हरी जलेबियों का भी इंतजाम कर दे ंतो आप आराम से सरकार में बनी रह सकती है। तिरंगी जलेबियां भी कहां पीछे रहने वाली थी बोली इमरती बहन तुम हमारे तिरंगेपन की वजह से सत्ता में आई हो बस इतना अहसान कर दो कि मेले के मैन्यू में तिरंगी जलेबी भी स्वाद के लिए रहे तो अच्छा रहेगा।
इस पर इमरती ने वीभत्सरूप में कहा शांति से सुनों रंगबिरंगी जलेबियों गत साठ वर्षों से तुम्हारी ही चल रही थी इमरती और जलेबी भगवा ही रहेगी रहना है तो रहो वरना जाओ पडौसी के यहां। फिलहाल तो मुझे लाल जलेबियों से निबटना है। गांव के मेले में दो ही रंग की इमरती और जलेबियां बिकती है भगवा और लाल बस फर्क ये है कि भगवा इमरतीं बडे लोगों की पसन्द है और लाल जलेबियां आम आदमी खाता है। प्राकृतिक मुकाबला भगवा इमरती और लाल जलेबियों में ही है चलो हटो मैदान से वास्तविक मुकाबला होने दो।
शाबाश इमरती जलेबियों की ऐसी धुलाई पहले कभी नहीं देखी कि इनका तो रस ही निचुड गया। ऐसी धुलाई देखकर सुुषमा  बहन भी शर्मा गयीं होगी। बक्कड की बधाई स्वीकार करों।

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