बिहार चुनाव में भाजपा की शर्मनाक हार के वैसे तो दसियों ठोस कारण है लेकिन एक ठोस कारण यह भी है कि मोदी के भाषण प्रधानमंत्री पद की गरिमा के अनुकूल नहीं थे इनका स्तर नगर पालिका चुनाव से भी नीचे के स्तर का था देश अपने प्रधानमंत्री से इतनी गिरावट बरदाश्त नहीं कर सकता भारतीय संस्क्रति कहती है कि फलदार वृक्ष को हर हाल में झुकना ही चाहिए अगर वो ऐसा नहीं कर सकता तो वो फलदार वृक्ष हो ही नहीं सकता ये देश महँगी दाल खा सकता है महंगे प्याज खा सकता है रोजगार के अभाव में बेगार कर सकता है राम की मर्यादा .महाभारत युद्ध के नियम और चाणक्य की न्यायकारी नीतियों, कबीर, बुल्लेशाह, गुरु नानक,भगवान् महावीर,हजरत निजामुदीन जैसे सूफी संतो वाली भारतीय संस्क्रति की बनावटी और मिलावटी व्याख्या करने असहमति की सोशल मीडिया पर माँ बहन करने टीवी चैनलों पर जरुरत से ज्यादा वाक्पटुता करने वालो को बिहार ने आइना दिखाते हुए पुरे देश को बता दिया है कि हमारे प्रधानमंत्री नारियल का पेड़ है
बड़ा भया तो क्या भया जैसे पेड़ खजूर,पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर
भारत भूषण
बड़ा भया तो क्या भया जैसे पेड़ खजूर,पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर
भारत भूषण
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