रविवार, 8 नवंबर 2015

नारियल का पेड़ है मोदी

बिहार चुनाव में भाजपा की शर्मनाक हार के वैसे तो दसियों ठोस कारण है लेकिन एक ठोस कारण यह भी है कि  मोदी के भाषण प्रधानमंत्री पद की गरिमा के अनुकूल नहीं थे इनका स्तर  नगर पालिका चुनाव से भी नीचे के स्तर का था देश अपने प्रधानमंत्री से इतनी गिरावट बरदाश्त नहीं कर सकता भारतीय संस्क्रति कहती है कि फलदार वृक्ष को हर हाल में झुकना ही चाहिए अगर वो ऐसा नहीं कर सकता तो वो फलदार वृक्ष हो ही नहीं सकता ये देश महँगी दाल खा सकता है महंगे प्याज खा सकता है रोजगार के अभाव में बेगार कर सकता है  राम की मर्यादा .महाभारत युद्ध के नियम और चाणक्य की न्यायकारी नीतियों, कबीर, बुल्लेशाह, गुरु नानक,भगवान् महावीर,हजरत निजामुदीन जैसे सूफी संतो  वाली भारतीय संस्क्रति की बनावटी और मिलावटी  व्याख्या करने असहमति की  सोशल मीडिया पर माँ बहन करने टीवी चैनलों पर जरुरत से ज्यादा वाक्पटुता करने   वालो  को बिहार ने आइना दिखाते हुए  पुरे देश को बता दिया है कि हमारे प्रधानमंत्री नारियल का पेड़ है
         बड़ा भया तो क्या भया जैसे पेड़ खजूर,पंछी  को छाया नहीं फल लागे अति दूर
                                 भारत भूषण 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें